प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मन्दिर (श्री शिव मंदिर महंत/पुजारी:- श्री पप्पू बाबा(उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रीट घाट पटना बिहार इंडिया
15 अक्टूबर से शुरू होगा देवी पूजा का महापर्व:इस साल शारदीय नवरात्रि में कोई तिथि क्षय नहीं, 23 अक्टूबर को महानवमी और 24 को दशहरा
रविवार, 15 अक्टूबर से देवी पूजा का महापर्व शारदीय नवरात्रि शुरू होगा। इस साल नवरात्रि में कोई तिथि क्षय नहीं है, इस कारण ये पर्व पूरे नौ दिन चलेगा। 23 तारीख को महानवमी और 24 को दशहरा मनाया जाएगा। हिन्दी पंचांग में साल में चार बार नवरात्रि आती है। आश्विन और चैत्र नवरात्रि प्रकट होती है। आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि गुप्त रहती है। प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मन्दिर (श्री शिव मंदिर महंत/पुजारी:- श्री पप्पू बाबा(उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रीट घाट पटना बिहार इंडिया, 15 अक्टूबर को नवरात्रि की शुरुआत सूर्य-बुध के बुधादित्य योग से होगी। ये दोनों ग्रह कन्या राशि में रहेंगे। रविवार, नवरात्रि की शुरुआत और बुधादित्य योग होने से पूजा-पाठ के लिए दिन शुभ रहेगा।
जानिए नवरात्रि की शुरुआत में ध्यान रखें ये बातें
नवरात्रि की शुरुआत में घर के अंदर और बाहर साफ-सफाई करें। गोमूत्र का छिड़काव करें। घर के बाहर देवी मां के स्वागत के लिए रंगोली बनाएं।
देवी पूजा में सुहाग का सामान जरूर रखें। जैसे लाल चुनरी, लाल फूल, कुमकुम, सिंदूर, लाल चूड़ियां, बिन्दी, आभूषण जरूर रखें। नौ दिन देवी पूजा करें और अंतिम दिन पूजा के बाद ये सभी चीजें जरूरतमंद महिला को दान करें।
देवी दुर्गा के साथ गणेश जी, शिव जी, कार्तिकेय स्वामी की भी पूजा जरूर करें। गणेश जी की पूजा के साथ देवी पूजन शुरू करना चाहिए। शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। गणेश जी दूर्वा अर्पित करें। कार्तिकेय स्वामी का भी अभिषेक करें।
दुर्गा पूजा करते समय देवी मंत्र का जप करना चाहिए। देवी मंत्र - दुं दुर्गायै नमः। आप चाहें तो देवी भगवती के नामों का जप भी कर सकते हैं। नवरात्रि में देवी पूजा के साथ छोटी कन्याओं की पूजा करनी चाहिए। छोटी कन्याएं देवी मां की स्वरूप मानी जाती हैं। पूजा के साथ ही जरूरमंद बच्चियों की शिक्षा के लिए धन और अन्य सामग्री जरूर अर्पित करें।
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