Ram Navami 2024: रामनवमी पर आज कैसे करें भगवान राम की पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Ram Navami 2024: महानवमी पर घर-घर में मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा होती है. महानवमी पर कन्या पूजन के बाद नवरात्रि व्रत का पारण होता है और इस तरह देवी की विदाई हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन भगवान राम की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गाय है.
भगवान राम का चैत्र नवरात्र से संबंध
ऐसी मान्यताएं हैं कि चैत्र नवरात्र के नौवें दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था. इसलिए इसे रामनवमी भी कहा जाता है. भगवान राम मध्य दोपहर में कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे थे. इसलिए रामनवमी पर मध्य दोपहर में भगवान राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए.
रामनवमी पर कैसे करें श्रीराम की पूजा? (Ram Navami 2024)
रामनवमी के दिन दोपहर के समय भगवान राम की उपासना करें. घर में किसी उचित स्थान पर रामदरबार रखें. सबसे पहले भगवान के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें. भगवान राम को पीले फल, पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें. तुलसी दल भी जरूर अर्पित करें. उन्हें फल या मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद "ॐ राम रामाय नमः" का जाप करें. रामचरितमानस के बालकाण्ड का पाठ करना भी उत्तम होगा.
शुभ मुहूर्त (Ram Navami 2024 Shubu Muhurt)
रामनवमी पर भगवान राम की पूजा के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.
पहला मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक रहेगा
दूसरा मुहूर्त (विजय मुहूर्त)- दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 34 मिनट तक
रामनवमी के दिन हवन का विधान (Ram Navami 2024 Puja Vidhi)
नवमी के दिन नवरात्रि की पूर्णता के लिए हवन भी किया जाता है. नवमी के दिन पहले पूजा करें. फिर हवन करें. हवन सामग्री में जौ और काला तिल मिलाएं. इसके बाद कन्या पूजन करें. कन्या पूजन के बाद सम्पूर्ण भोजन का दान करें.
- आर्थिक लाभ के लिए मखाने और खीर से हवन करें
आर्थिक लाभ के लिए मखाने और खीर से हवन करें
- कर्ज मुक्ति के लिए राई से हवन करें
- संतान सम्बन्धी समस्याओं के लिए माखन मिसरी से हवन करें
- ग्रह शान्ति के लिए काले तिल से हवन करें
- सर्वकल्याण के लिए काले तिल और जौ से हवन करें
राम रक्षा स्तोत्र का पाठ
रामनवमी के दिन मध्य दोपहर में श्रीराम की पूजा के बाद "राम रक्षा स्तोत्र" का पाठ अवश्य करें. ऐसी मान्यताएं हैं कि इससे आपकी स्वास्थ्य की समस्या दूर होती हैं और दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है.
0 Comments