चैती छठ पूजा 2025: नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ चैती छठ, आज खरना के दिन बन रहा अद्भुत संयोग
चैती छठ 2025 की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो गई है। व्रतियों ने गंगा में आस्था की स्थापना की और सूर्य देव को जल से अर्घ्य दिया। आज खरना की पूजा होगी और व्रती शाम को खेड भात चावल फल का प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसके बाद 36 घंटे की निर्जला उपवास शुरू होगा। सूर्य देव की आरोग्य देवता के रूप में पूजा की जाती है।
पर प्रकाश डाला गया
- व्रत की शुरुआत 36 घंटे का निर्जला व्रत, डूबते सूर्य को अर्घ्य कल से होगी
- नहाय-खाय को लेकर शहर के प्रमुख गंगा घाटों पर व्रतियों ने अपनी आस्था की खोज की
- घाटों से लेकर घर पर बजते रहे छठ के गीत
- पटना। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा मूर्ति मुरछाय। ऊ जे सुगनी जे रोली वियोग से, आदित होई ना सहायता..लोक आस्था का महापर्व चैती छठ (चैती छठ 2025) मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गई। मंगलवार की सुबह शहर के प्रमुख गंगा घाटों पर व्रतियों ने आस्था के आगमन के बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य देकर पवित्रता के साथ अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी का प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।
घाटों पर व्रतियों के साथ अन्य महिलाओं और युवाओं की भागीदारी रही। आज खरना (लोहंडा) की पूजा कर व्रत की शाम को खेड, रोटी, लक्ष्मी फल का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत का संकल्प लेना चाहिए। सूर्य देव को आरोग्य देवता के रूप में पूजा जाता है तथा समस्त जगत को जीवन शक्ति का प्रदाता सूर्य को माना गया है।छठ व्रत के बाद खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद गुरुवार को अस्ताचलगामी को सूर्य को अर्घ्य देने के बाद शुक्रवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण कर चार दिव्य अनुष्ठान का समापन होगा।
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