Durga Puja: पटना में दुर्गा पूजा मेला में कहां, क्या खास, जान लीजिए टॉप पंडाल में इस बार का थीम
Durga Puja: शारदीय नवरात्र के मौके पर इस वर्ष मछुआटोली स्थित पूजा पंडाल में मां काली का विशाल स्वरूप और उनके 18 रूपों के दर्शन होंगे। पंडाल में मां काली की सबसे बड़ी प्रतिमा 18 फीट की है। इसके अगल-बगल 9-9 प्रतिमाएं हैं। प्रत्येक
Durga Puja 2025: बिहार समेत देश के कई राज्यों में दुर्गा पूजा की धूम है। मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। मां कालरात्रि की पूजा के साथ ही सभी पंडालों में पट खुल गए हैं। दुर्गा पूजा के इस खास अवसर पर पटना में कई जगहों पर मेले का आय़ोजन किया गया है। ऐतिहासिक गांधी मैदान में रामलीला चल रहा है और दशहरा के दिन रावण वध के साथ इसका समापन होगा।
इसके अलावा कई जगहों पर गीत-संगीत का भी आयोजन किया गया। हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको पटना के टॉप पंडालों के बारे में बताएंगे कि इस बार किस थीम पर प्रमुख पंडाल बनाए गए हैं। पंडाल और माता दुर्गा की मूर्ति देखने जाने वाले लोगों को इस बार जहां राक्षसों की चीख भी सुनाई देगी तो वहीं उन्हें हिमालय पर्वत पर भगवान श्री राम और माता दुर्गा भी नजर आएंगी।
सिपारा में सबसे बड़ा पूजा पंडाल
पटना में शहर का सबसे बड़ा पूजा पंडाल सिपारा एतवारपुर में बनाया जाता है। इस वर्ष यहां अयोध्या राम मंदिर के रूप में पूजा पंडाल तैयार किया गया है। पूजा समिति के अध्यक्ष ने बताया था कि पंडाल की अनुमानित लागत 70 लाख रुपया है। इस वर्ष गांधी मैदान में पहली बार मां कालिका पर आधारित नृत्य नाटिका भी पटनावासियों को देखने को मिलेगा।
पंडाल के जरिए पर्यावरण रक्षा का संदेश
राजेन्द्र नगर सब्जी मंडी के उत्तर स्थित (ओल्ड बाइपास से सटे) बमबम स्थान पूजा पंडाल में इस वर्ष भी पहाड़, नदी, झरना के बीच मां दुर्गा, मां पार्वती, मां सरस्वती व अन्य देवी-देवताओं के दर्शन होंगे। बीते तीन दशकों से यहां पूजा पंडाल के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, वृक्षों, पहाड़ों, नदी व झरनों के महत्व के बारे में पटनावासियों को बताया जा रहा है।
गोला रोड मोड़: कर्नाटक विधानसभा का प्रतिरूम
शारदीय नवरात्र के दौरान राजधानी में जहां श्रद्धालु सौ साल से ज्यादा पुराने पूजा पंडालों को देखने जाते हैं। वहीं कुछ नए पूजा पंडालों में भी भीड़ उमड़ती है। नए पूजा पंडालों में राम जयपाल (गोला रोड) मोड़ के पास बनने वाले पूजा पंडाल को देखने काफी संख्या में भक्त हर वर्ष पहुंचते हैं। इस वर्ष गोला रोड मोड़ पर बेंगलुरु के विधाना सौधा की प्रतिकृति (कर्नाटक का विधानसभा सह सचिवालय) बना गई है। इसमें मां दुर्गा राक्षसों का वध करती दिखेंगी।
पीरमुहानी: दुर्गाबाड़ी में बैठी हैं मां दुर्गा
पीरमुहानी में 91 वर्षों से शारदीय नवरात्र के मौके पर पूजा-पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर भक्ति-भाव से पूजा की जा रही है। इस वर्ष यहां कोलकाता की दुर्गाबाड़ी की प्रतिकृति का पंडाल तैयार किया गया है। पंडाल की ऊंचाई इस वर्ष 60 फीट ऊंची है। इसकी लंबाई 60 फीट और चौड़ाई 40 फीट है। पंडाल निर्माण के लिए कोलकाता के कारीगर विक्की दादा और पटना के मन्नू को जिम्मा दिया गया था। पूजा पंडाल को जीवंत और आकर्षक बनाने के लिए थर्मोकोल व प्लाइबोर्ड का काफी काम किया गया है।
मछुआटोली: मां काली के 18 रूपों के दर्शन होंगे
शारदीय नवरात्र के मौके पर इस वर्ष मछुआटोली स्थित पूजा पंडाल में मां काली का विशाल स्वरूप और उनके 18 रूपों के दर्शन होंगे। पंडाल में मां काली की सबसे बड़ी प्रतिमा 18 फीट की है। इसके अगल-बगल 9-9 प्रतिमाएं हैं। प्रत्येक प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 8 फीट की है।
यहां केदारनाथ मंदिर की तरह दिखेगा मां दुर्गा का पंडाल
मीठापुर नहर पर अनीता सिंह अस्पताल के नजदीक बीते चार दशकों से शारदीय नवरात्र में थीम आधारित पंडाल का निर्माण होता रहा है। इसे देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। सार्वजनिक क्लब के बैनर तले होने वाले वार्षिक आयोजन में इस वर्ष उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर विशाल पंडाल का निर्माण किया गया है। पंडाल की ऊंचाई करीब 70 फीट और इसकी चौड़ाई 25 फीट है।
डाकबंगला चौराहे पर बेहद खास है पंडाल और मूर्ति
दुर्गा पूजा के अवसर पर पटना के डाकबंगला चौराहे का अपना खास आकर्षण होता है। बताया जाता है कि यहां करीब 62 साल से पूजा किया जा रहा है। डाकबंगला चौराहे पर तमिलनाडु के तंजौर स्थित बृहदीश्वर मंदिर के थीम पर पंडाल बनाया गया है। इस पंडाल की ऊंचाई करीब 80 फीट और चौड़ाई लगभग 55 फीट है। यहां रखी गई माता दुर्गा की मूर्ति भी खास है। जिस मिट्टी से माता दुर्गा की मूर्ति बनाई गई है उस मिट्टी में हरिद्वार, ऋषिकेश एवं कोलकता के हुगली नदी तथा बनारस से आए जल को मिलाया गया है।
शेखपुरा: हिमालय पर्वत पर मां दुर्गा के साथ भगवान राम भी दिखेंगे
शारदीय नवरात्र पर राजा बाजार के शेखपुरा स्थित दुर्गाश्रम मंदिर के पास श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा-अर्चना के लिए उमड़ती है। यहां मां दुर्गा की पूजा-अर्चना 1939 ई.(86 वर्षों) से हो रही है। यहां बनने वाले पूजा पंडाल, चलंत झांकियां और लाइटिंग लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होती है। इस वर्ष दुर्गाश्रम मंदिर के ऊपर बनने वाले पंडाल में हिमालय पर्वत की प्रतिकृति तैयार की गई है। पंडाल के ऊपर कई दृश्य भक्तों व श्रद्धालुओं को देखने के लिए मिलेगा। पंडाल के ऊपर रामेश्वरम में भगवान राम की पूजा का दृश्य दिखेगा।
इसमें भगवान राम और लक्ष्मण भगवान शिवलिंग की पूजा करते हुए दिखेंगे। इस पर्वत के बीच में मां दुर्गा, देवी गंगा से उनके जल के लिए आह्वान करती दिखेंगी। पर्वत पर मौजूद एक अन्य झांकी में शिवलिंग से भगवान शंकर के प्रकट होते और उनकी जटाओं से गंगा जी निकलते हुए दिखेंगी। हिमालय पर्वत रूपी पंडाल में एक कोने में बजरंगबली समुद्र लांघते समय पूतना के मुंह के अंदर जाते और उसे पार निकलते नजर आएंगे।
सीतामढ़ी के पुनौराधाम मंदिर की प्रतिकृति में विराजेंगी मां दुर्गा
शारदीय नवरात्र में मीठापुर के गौरियामठ स्थित कौशल्या अपार्टमेंट के पास विशाल पंडाल का निर्माण 24 वर्षों से हो रहा है। इस वर्ष यहां सीतामढ़ी स्थित मां जानकी के पुनौराधाम मंदिर की प्रतिकृति तैयार की गई है। मां दुर्गा राक्षसों का संहार करती दिखेंगी। यहां पंडाल की ऊंचाई 40 फीट और चौड़ाई 60 फीट रखी गई है। पंडाल के नजदीक इस वर्ष भी सेल्फी प्वॉइंट बनाया गया है। यह प्वॉइंट पूजा-पंडाल घूमने वालों के लिए तैयार किया गया है। सेल्फी प्वॉइंट पर छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र सांबा जी महाराज छावा की आदमकद प्रतिमा लगी है।
यहां राक्षसों और आत्माओं की सुनाई देगी चीख
हनुमान नगर आवास बोर्ड चौराहा के पास शारदीय नवरात्र में इस वर्ष थीम आधारित पंडाल में चीखती गुफा की प्रतिकृति तैयार की गई है। यहां प्रत्येक वर्ष अलग-अलग थीम पर बनने वाले पंडाल को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। यहां के पंडाल की चर्चा राज्यभर में होती है। इस वर्ष यहां 400 फीट लंबी गुफा बनाई गई है। इसमें राक्षसों व दुष्ट आत्माओं की चीखें सुनने को मिलेंगी।
गुफा के अंदर भी मां दुर्गा व उनकी शक्तियां भूत-पिशाच व नर कंकालों से लड़ती नजर आएंगी। पंडाल के बीच में बड़ा कमरा होगा। जहां मां दुर्गा व अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं राक्षसों का संहार करते दिखेगी। मां के भक्त व श्रद्धालु चार सौ मीटर लंबी गुफा से गुजरकर मां दुर्गा का दर्शन करेंगे। पंडाल निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग हुआ है। पंडाल की ऊंचाई इस वर्ष 50 फीट व चौड़ाई 30 फीट है।
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