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Vaishakh Pradosh Vrat 2025: वैशाख माह में प्रदोष व्रत कब-कब है? अभी नोट कर लें डेट और मुहूर्त


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Vaishakh Pradosh Vrat 2025: वैशाख माह में प्रदोष व्रत कब-कब है? अभी नोट कर लें डेट और मुहूर्त



हिंदू धर्म में त्रयोदशी तिथि भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए बहुत शुभ मानी गई है. इस शुभ तिथि पर भोलेनाथ और देवी पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. इस समय वैशाख माह चल रहा है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस माह में प्रदोष व्रत कब-कब रखा जाएगा.


प्रदोष व्रत का दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को सभी भय से छुटकारा मिलता है और महादेव की कृपा प्राप्त होती है.

प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है. इस समय वैशाख माह चल रहा है. ऐसे में आइए चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि इस माह में प्रदोष व्रत कब-कब किया जाएगा.

वैशाख माह में प्रदोष व्रत कब-कब है? (Vaishakh month Pradosh Vrat 2025)
हर महीने की तरह ही वैशाख माह में भी दो बार प्रदोष व्रत रखा जाएगा. वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत 25 अप्रैल को रखा जाएगा, तो वहीं वैशाख माह का दूसरा प्रदोष व्रत 9 मई को रखा जाएगा. आइए इनकी तिथि और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में जान लेते हैं.

वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 अप्रैल को सुबह 11:44 मिनट से शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 26 अप्रैल को सुबह 8:27 मिनट पर होगा. ऐसे में वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत 25 अप्रैल को रखा जाएगा. इस दिन शुक्रवार पड़ रहा है, इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कह जाएगा.

  1. पूजा का समय – 25 अप्रैल को शाम 6:33 मिनट से रात 9:03 मिनट तक.

वैशाख माह का दूसरा प्रदोष व्रत कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 मई को दोपहर 2:54 मिनट से शुरू होगी. वहीं, इस त्रयोदशी तिथि का समान अगले दिन 10 मई को दोपहर 5:30 मिनट पर होगा. ऐसे में वैशाख माह का दूसरा प्रदोष व्रत 9 मई को रखा जाएगा. इस दिन शुक्रवार पड़ रहा है, इसलिए इसे भी शुक्र प्रदोष व्रत कह जाएगा.

  1. पूजा का समय – 9 मई को शाम 6:44 बजे से रात 8:59 बजे तक.

प्रदोष व्रत पर कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?

शिव मूल मंत्र – ॐ नमः शिवाय॥

महामृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

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