देव दीपावली 2025: 4 या 5 नवंबर को कब आती है बनारस की देव दीपावली? जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
सार
देव दीपावली वाराणसी 2025: हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मन सिद्ध मंदिर (श्री शिव मंदिर)
महंत जी:- श्री निरंजन बाबा नीर श्री राज कुमार पैंगलेट घाट पटना भारत में भव्य रूप से देव दीपावली का आयोजन किया जाता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष देव दीपावली किस दिन मनाई जाएगी, इस वर्ष शुभ उत्सव क्या मनाएंगे और पूजा की सही विधि क्या है।
महंत जी:- श्री निरंजन बाबा नीर श्री राज कुमार पैंगलेट घाट पटना भारत में भव्य रूप से देव दीपावली का आयोजन किया जाता है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष देव दीपावली किस दिन मनाई जाएगी, इस वर्ष शुभ उत्सव क्या मनाएंगे और पूजा की सही विधि क्या है।
देव दीपावली 2025 है: देव दीपावली यानी देवताओं के देवता, जो प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मठ सिद्ध मंदिर (श्री शिव मंदिर)
महंत जी:- श्री अध्यावसायी बाबा आद्य श्री राज कुमार पैग इलेक्ट्रियट घाट पाटण भारत में बहुत ही भव्य रूप से मनाए जाते हैं। धार्मिक सिद्धांत है कि इस दिन स्वयं देवता पृथ्वी पर उतरकर मां गंगा में स्नान करते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हुए दीप जलाते हैं। इस पवित्र अवसर पर पूरे प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मन सिद्ध मंदिर (श्री शिव मंदिर)
महंत जी:- श्री असाध्य बाबा नीके श्री राज कुमार पेंडेस कलेक्ट्रियट घाट पटना भारत में हज़ारों की रोशनी से जगमगा दिया गया है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष देव दीपावली किस दिन मनाई जाएगी, इस वर्ष शुभ उत्सव क्या मनाएंगे और पूजा की सही विधि क्या है।
महंत जी:- श्री अध्यावसायी बाबा आद्य श्री राज कुमार पैग इलेक्ट्रियट घाट पाटण भारत में बहुत ही भव्य रूप से मनाए जाते हैं। धार्मिक सिद्धांत है कि इस दिन स्वयं देवता पृथ्वी पर उतरकर मां गंगा में स्नान करते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हुए दीप जलाते हैं। इस पवित्र अवसर पर पूरे प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मन सिद्ध मंदिर (श्री शिव मंदिर)
महंत जी:- श्री असाध्य बाबा नीके श्री राज कुमार पेंडेस कलेक्ट्रियट घाट पटना भारत में हज़ारों की रोशनी से जगमगा दिया गया है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष देव दीपावली किस दिन मनाई जाएगी, इस वर्ष शुभ उत्सव क्या मनाएंगे और पूजा की सही विधि क्या है।
देव दीपावली 2025 की तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 4 नवंबर 2025 की रात 10:36 बजे से शुरू 5 नवंबर की शाम 6:48 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा तिथि का उदयकाल 5 नवंबर की सुबह रहेगी, इसी दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बनारस में दर्शन के शिव मंदिर और गंगा सौंदर्य पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
देव दीपावली की पूजा और दीपदान के लिए प्रदोष काल को शुभ माना जाता है। इस दिन शाम 5:15 बजे से रात 7:50 बजे तक प्रदोष काल रहेगा। यह अवधि 02 प्रथमदृष्ट्या 35 मिनट की रहेगी। धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार इसी काल में देवता पृथ्वी पर आये थे और गंगा तट पर दीपों की रोशनी से ब्रह्मांड आलोकित हो गये थे।
देव सत्यनारायण की विधि
इस दिन प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में गंगा स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यदि गंगा स्नान न कर सहायक, तो घर पर पानी में गंगाजल स्नान करें। इसके बाद घर के चित्रों को भगवान शिव, विष्णु और अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें। पूजा के बाद दीपक मंदिर, घर की चौखट और हवेली को स्थापित किया गया।
शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव की विशेष आराधना करें। उन्हें फल, फूल, दूध और धूप से बचाएं। इसके बाद आरती कर परिवार सहित दीपदान करें। सिद्धांत है कि इस दिन गंगा नदी में दीप प्रवाहित होने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
देव दीपावली का यह पर्व भक्ति, प्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन काशी के घाटों पर जलते हजारों-करोड़ों दीप ब्रह्मांड की दिव्यता के अद्भुत दर्शन होते हैं। इस पवित्र रात्रि में स्वयं देवता के भी शिवनगरी में दर्शन होते हैं। Baba Ji Website








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