प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर(श्री शिव मन्दिर )
महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया
Pradosh Vrat 2024 Mantra: प्रदोष व्रत के दिन इन 5 मंत्रों का करें जाप, परेशानियों से मिलेगी मुक्ति!
Pradosh Vrat Puja: प्रदोष व्रत के दिन इन मंत्रों का जाप करने से लोगों को जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है और भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से सभी मुश्किल काम भी आसान हो जाते हैं. इसके साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और 30 अक्टूबर दिन बुधवार को दोपहर में 1 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी. शिव पूजा का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर 2024 को शाम 5 बजकर 38 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
प्रदोष व्रत शुभ संयोग
कार्तिक माह के भौम प्रदोष व्रत पर 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. भौम प्रदोष में पुष्कर योग सुबह 6 बजकर 31 मिनट से सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. इंद्र योग सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. व्रत के दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र सुबह से शाम 6 बजकर 34 मिनट तक है. उसके बाद से हस्त नक्षत्र है, जो पूरी रात है.
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
- किसी साफ स्थान पर शिवलिंग और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें.
- प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर दूध, दही, शहद आदि से अभिषेक करें.
- प्रदोष काल में शिवलिंग के सामने बैठकर दीपक जलाएं और धूप-दीप करें.
- शुद्ध मन से इन मंत्रों का 108 बार या अपनी इच्छानुसार जाप करें.
- शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं और शिव पुराण का पाठ करें.
- प्रदोष काल में व्रत का पारण करें और अन्य ग्रहण करें.
- इन मंत्रों के जाप के साथ-साथ आपको अपने कर्मों में भी सुधार करना चाहिए.
इन मंत्रों का करें जाप
- ॐ नमः शिवाय: यह मंत्र शिवजी का सबसे पवित्र मंत्र है. इसका जाप करने से मन शांत होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
- ॐ महादेवाय नमः: इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.
- ॐ कार्तिकेय नमः: कार्तिकेय भगवान शिव के पुत्र हैं. इस मंत्र का जाप करने से कुंडली दोष दूर होते हैं और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.
- ॐ पार्वती नमः: माता पार्वती भगवान शिव की पत्नी हैं. इस मंत्र का जाप करने से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है.
- ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। इस मंत्र को मृत संजीवनी मंत्र कहा जाता है. यदि आप इस मंत्र का जाप करते हैं, तो भगवान शिव हमेशा आशिर्वाद बनाए रखते हैं. इसलिए प्रदोष व्रत के दिन महामृत्युंज मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए.
प्रदोष व्रत का महत्व
ज्योतिष शास्त के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के साथ दो गायों को दान करने के समान भक्तों को पुण्य फल की प्राप्ति होती है. साथ ही कर्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है और घर में खुशियों का आगमन होता है. इसके अलावा विवाह में आ रही रुकावटें खत्म होती है और विवाह के शुभ योग बनते हैं. प्रदोष व्रत की पूजा संध्याकाल में की जाती है. प्रदोष व्रत के अवसर पर रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है. इससे घर में सुख-शांति का वास होता है.
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